परिचय
क्या आपने कभी ऐसे वाक्य सुने हैं, जिनमें एक ही शब्द के कई अर्थ निकल आते हैं? जैसे —
👉 “राम के बाण लगे शत्रु भागे, मन में बाण लगे सीता रोई।”
यहाँ ‘बाण’ शब्द ने दो अर्थ दिए — एक तीर, और दूसरा मन का वेध।
इसी प्रकार के वाक्यों में जो सुंदर दोहरे अर्थ की कला दिखाई देती है, उसे श्लेष अलंकार (Shlesh Alankar) कहते हैं।
चलिए इसे सरल भाषा में विस्तार से समझते हैं।
Shlesh Alankar Ki Paribhasha :
| क्रमांक | विवरण |
|---|---|
| नाम | श्लेष अलंकार (Shlesh Alankar) |
| अलंकार का प्रकार | शब्दालंकार |
| परिभाषा | जब किसी शब्द के अनेकार्थ (एक से अधिक अर्थ) होने के कारण वाक्य में दोहरे अर्थ का सौंदर्य उत्पन्न होता है, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। |
| अंग्रेज़ी अर्थ | Pun or Paronomasia (A figure of speech with double meaning) |
सरल शब्दों में:
जब एक ही शब्द से दो या अधिक अर्थ निकलते हैं और वाक्य का सौंदर्य बढ़ता है, तो वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
श्लेष अलंकार के प्रकार ( Shlesh Alankar Ke Prakar)
| प्रकार | विवरण | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1. शब्द श्लेष | जब एक ही शब्द के अलग-अलग अर्थ हों | “बालक बाल से खेलता है।” (यहाँ ‘बाल’ का अर्थ – बालक और बाल) |
| 2. अर्थ श्लेष | जब पूरे वाक्य के अलग-अलग अर्थ निकलें | “गुरु ने दिया ज्ञान का दान।” (यहाँ ‘दान’ का अर्थ – भेंट देना और प्रकाश देना) |
| 3. नाम श्लेष | जब व्यक्ति या स्थान के नाम में दो अर्थ हों | “हरि ने हरि लिया।” (‘हरि’ – भगवान विष्णु और हर लेना) |
श्लेष अलंकार पहचानने के नियम (Shlesh Alankar Pehchanne Ke Niyam) :
श्लेष अलंकार को पहचानने के लिए नीचे दिए गए सरल नियम याद रखें —
-
वाक्य में कोई एक शब्द या शब्द समूह दो या अधिक अर्थ देता है।
-
दोनों अर्थ संबंधित हों लेकिन अलग-अलग संदर्भों में अर्थ दें।
-
वाक्य में अर्थों के कारण सौंदर्य या हास्य, व्यंग्य, या गहराई उत्पन्न हो।
-
एक ही शब्द का विन्यास समान पर अर्थ भिन्न हों।
-
वाक्य का मुख्य उद्देश्य अलंकारिक प्रभाव उत्पन्न करना हो।
टिप :
अगर किसी वाक्य में ऐसा शब्द मिले जिसे पढ़कर “अरे! इसका तो दूसरा मतलब भी हो सकता है!” लगे — तो समझिए, वही श्लेष अलंकार है। 😄
श्लेष अलंकार के उदाहरण (Shlesh Alankar ke Udaharan) :
नीचे दिए गए वाक्यों में श्लेष अलंकार वाले शब्दों को underline किया गया है —
-
राजा के मन में भी राजा था।
-
नील ने नील वस्त्र पहने।
-
कमल ने कमल तोड़ा।
-
हरि ने हरि लिया।
-
बाल बाल से खेलता है।
-
गंगा में गंगा स्नान किया।
-
सूरज निकला तो सूरज खिल उठा।
-
राम ने राम की लाज रखी।
-
कृष्ण ने कृष्ण किया।
-
नयन ने नयन से कहा — “मत रो।”
इन उदाहरणों में एक ही शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं, जिससे वाक्य में दोहरे अर्थ का सौंदर्य उत्पन्न हो रहा है — यही श्लेष अलंकार की पहचान है।
श्लेष अलंकार का रूप निर्माण (Shlesh Alankar Ka Roop Nirman) :
श्लेष अलंकार सामान्यतः शब्दों के समान रूप पर आधारित होता है, परंतु उनके अर्थ भिन्न होते हैं।
यहाँ देखें कि यह अलंकार कैसे बनता है —
| शब्द का प्रकार | उदाहरण | अर्थ 1 | अर्थ 2 |
|---|---|---|---|
| संज्ञा (Noun) | नील | व्यक्ति का नाम | नीला रंग |
| विशेषण (Adjective) | हरि | ईश्वर | हरने वाला |
| क्रिया (Verb) | चलना | गति करना | कार्य करना |
| क्रियापद (Verb Phrase) | मन लगाना | ध्यान केंद्रित करना | भावनात्मक जुड़ाव होना |
| स्थान नाम (Place Name) | गंगा | नदी | देवी |
इस प्रकार, शब्द का रूप समान होता है लेकिन अर्थ का अंतर ही इस अलंकार को विशेष बनाता है।
🧠 विशेषज्ञ राय
श्लेष अलंकार (Shlesh Alankar)हिंदी भाषा की सबसे कलात्मक अभिव्यक्तियों में से एक है।
यह न केवल वाक्य में रचनात्मक दोहरापन लाता है, बल्कि श्रोता या पाठक को सोचने और मुस्कुराने पर मजबूर कर देता है।
आज के युग में भी श्लेष का प्रयोग कविता, विज्ञापन, और फिल्मों के संवादों में खूब देखने को मिलता है — यह भाषा को जीवंत बनाता है।”
आधुनिक उपयोग (Shlesh Alankar Ke Upyog)
2025 में, श्लेष अलंकार केवल कविता तक सीमित नहीं रहा। आज यह —
-
विज्ञापनों में (जैसे “दिल बोले अब बस Amul!”)
-
सोशल मीडिया कैप्शन में (जैसे “दिल Garden Garden हो गया!”)
-
फ़िल्मी गीतों में (जैसे “तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा नहीं…”)
का अहम हिस्सा बन गया है।
यानी श्लेष आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रभावशाली है।
📚 निष्कर्ष
Shlesh Alankar (श्लेष अलंकार) भाषा की वह मधुरता है जो एक शब्द से दो अर्थों की सुंदरता दिखाती है।
यह न केवल भाषा को रोचक बनाता है बल्कि पाठक को सोचने पर मजबूर करता है।
कविता हो या आधुनिक लेखन, श्लेष का सही प्रयोग वाक्य में गहराई और हास्य दोनों जोड़ देता है।
🌷 संक्षेप में:
“जहाँ एक शब्द से दो अर्थ निकलें और भावों का सौंदर्य बढ़े — वहीं श्लेष अलंकार खिलता है!”
Read Also:
Anupras Alankar ki paribhasha, उदाहरण, प्रकार और पहचान नियम 2025
❓ FAQs: श्लेष अलंकार से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. श्लेष अलंकार (Shlesh Alankar) किसे कहते हैं?
श्लेष अलंकार वह होता है जिसमें एक शब्द के दो या अधिक अर्थ होने से वाक्य में सौंदर्य उत्पन्न होता है।
2. श्लेष अलंकार कितने प्रकार का होता है?
मुख्यतः इसके तीन प्रकार माने जाते हैं — शब्द श्लेष, अर्थ श्लेष और नाम श्लेष।
3. श्लेष अलंकार की पहचान कैसे करें?
अगर किसी वाक्य में कोई शब्द दो अर्थ दे और वाक्य रोचक लगे — तो वहाँ श्लेष अलंकार है।
4. श्लेष अलंकार का प्रयोग कहाँ होता है?
कविता, दोहे, मुहावरों, विज्ञापनों और आधुनिक लेखन में।
5. क्या श्लेष अलंकार केवल कवियों के लिए है?
नहीं, आज यह भाषा की रचनात्मकता दिखाने का सुंदर माध्यम है — हर लेखक और वक्ता इसका प्रयोग कर सकता है।
⚠️ डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारीपूर्ण उद्देश्य से लिखा गया है।
इसमें दिए गए उदाहरणों का उद्देश्य छात्रों को श्लेष अलंकार की अवधारणा समझाना है।
किसी व्यक्ति, धर्म या समुदाय से इनका कोई संबंध नहीं है।
