परिचय
क्या आपने कभी सोचा है कि वाक्यों में “यह”, “वह”, “जो”, “कौन-सा” जैसे शब्द वाक्य को कैसे और स्पष्ट बनाते हैं?
उदाहरण के लिए —
यह किताब मेरी है।
यहाँ “यह” शब्द किताब की ओर संकेत कर रहा है और किताब के बारे में कुछ विशेषता बता रहा है।
यही तो है — Sarvanamik Visheshan की खूबी!
यह शब्द सर्वनाम से बने होते हैं और संज्ञा की विशेषता बताते हैं। इसलिए इन्हें “सर्वनामिक विशेषण” कहा जाता है।
चलिए, अब विस्तार से समझते हैं — सर्वनामिक विशेषण की परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण।
Sarvanamik Visheshan Ki Paribhasha
| शब्द | अर्थ |
|---|---|
| Sarvanamik Visheshan (सर्वनामिक विशेषण) | वे शब्द जो किसी संज्ञा की विशेषता बताते हैं और स्वयं किसी सर्वनाम से बने होते हैं, उन्हें सर्वनामिक विशेषण कहा जाता है। |
सरल शब्दों में परिभाषा:
जब कोई शब्द सर्वनाम की तरह व्यवहार करते हुए किसी संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी देता है, तो वह Sarvanamik Visheshan कहलाता है।
उदाहरण:
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यह किताब नई है। → “यह” यहाँ सर्वनामिक विशेषण है क्योंकि यह “किताब” (संज्ञा) की पहचान कराता है।
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कौन-सा बच्चा जीता? → “कौन-सा” शब्द “बच्चा” की विशेषता बता रहा है।
सार्वनामिक विशेषण के प्रकार (Sarvanamik Visheshan Ke Prakar)
1. मूल सार्वनामिक विशेषण (Mool Sarvanamik Visheshan)
वे सर्वनाम जो अपना मूल रूप नहीं बदलते और सीधे किसी संज्ञा की विशेषता बताते हैं, उन्हें मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
ये अपने मूल रूप में ही विशेषण का कार्य करते हैं।
उदाहरण (Examples):
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यह घर मेरा है।
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वह लड़का तेज़ दौड़ता है।
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कोई नौकर दरवाज़े पर खड़ा है।
यहाँ “यह”, “वह”, “कोई” — ये सभी सर्वनाम हैं, लेकिन संज्ञा (घर, लड़का, नौकर) की विशेषता बताने का काम कर रहे हैं, इसलिए ये मूल सार्वनामिक विशेषण हैं।
2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण (Yaugik Sarvanamik Visheshan)
वे सर्वनामिक विशेषण जो मूल सर्वनाम से बने होते हैं और जिनमें दो शब्द मिलकर नया अर्थ बनाते हैं, उन्हें यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
इनका प्रयोग तुलना या समानता बताने के लिए होता है।
उदाहरण (Examples):
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जैसा आदमी, वैसा काम।
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जिसे जैसा मौका, वैसा परिणाम।
यहाँ “जैसा–वैसा”, “जिसे–जैसा” आदि दो शब्द मिलकर एक यौगिक विशेषण बनाते हैं।
3. निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण (Nishchayvachak Sarvanamik Visheshan)
वे सर्वनामिक विशेषण जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के बारे में निश्चितता का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
इन्हें संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं।
उदाहरण (Examples):
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यह गाड़ी नई है।
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वह घर बहुत बड़ा है।
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उस कुर्सी को उठाओ।
“यह”, “वह”, “उस” शब्द किसी निश्चित वस्तु की ओर संकेत कर रहे हैं — इसलिए ये निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण हैं।
4. अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण (Anishchayvachak Sarvanamik Visheshan)
वे विशेषण जो किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अनिश्चितता का बोध कराते हैं — यानी जब यह स्पष्ट न हो कि बात किसकी हो रही है — तो उन्हें अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण (Examples):
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कोई व्यक्ति दरवाज़े पर आया।
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कुछ फल बहुत मीठे हैं।
“कोई”, “कुछ” जैसे शब्द किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत करते हैं — इसलिए ये अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण हैं।
5. प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण (Prashnavachak Sarvanamik Visheshan)
वे सर्वनामिक विशेषण जो प्रश्न पूछने के लिए प्रयुक्त होते हैं और संज्ञा की विशेषता पूछते हैं, उन्हें प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण (Examples):
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किस घर में रहते हो?
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क्या काम कर रहे हो?
“किस”, “क्या” यहाँ संज्ञा के साथ मिलकर प्रश्न बना रहे हैं — इसलिए ये प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण हैं।
6. संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण (Sambandhvachak Sarvanamik Visheshan)
वे विशेषण जो दो संज्ञाओं या सर्वनामों के बीच संबंध स्थापित करते हैं, उन्हें संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
इनका प्रयोग अक्सर “जिस–वैसा”, “जो–वही” जैसे युग्मों में होता है।
उदाहरण
-
जिस घर में तुम रहते हो, वह बहुत सुंदर है। (The house in which you live is very beautiful.)
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जो बच्चा मेहनत करता है, *वही सफल होता है। (The child who works hard succeeds.)
“जिस–वह”, “जो–वही” जैसे शब्द वाक्य के दो भागों को जोड़ते हैं — इसलिए ये संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण हैं।
सर्वनामिक विशेषण पहचानने के नियम (Sarvanamik Visheshan Pehchanne Ke Niyam)
1. सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा की विशेषता बताए
अगर कोई सर्वनाम (यह, वह, कौन, कोई आदि) किसी संज्ञा के साथ मिलकर उसकी पहचान या गुण बताए,
तो वह सर्वनामिक विशेषण (Sarvanamik Visheshan) कहलाता है।
उदाहरण:
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यह किताब बहुत सुंदर है। → “यह” किताब की विशेषता बता रहा है।
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वह लड़का मेरा मित्र है। → “वह” लड़का की पहचान करा रहा है।
पहचान ट्रिक:
अगर सर्वनाम के तुरंत बाद संज्ञा आती है, तो वह शब्द सर्वनामिक विशेषण होता है।
2. यदि सर्वनाम अकेला हो — तो वह ‘सर्वनाम’, पर संज्ञा के साथ हो — तो ‘सर्वनामिक विशेषण’
यह सबसे आसान नियम है।
उदाहरण:
-
यह मेरा है। → “यह” सर्वनाम है (क्योंकि अकेला है)।
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यह किताब मेरी है। → “यह” अब सर्वनामिक विशेषण है (क्योंकि “किताब” की विशेषता बता रहा है)।
3. सर्वनाम में “-सा”, “-ही”, “-का”, “-ही”, “-सा” जैसे प्रत्यय (suffixes) जुड़ जाएँ
अगर किसी सर्वनाम के साथ प्रत्यय (suffix) लगकर नया अर्थ बने,
तो वह शब्द प्रायः सर्वनामिक विशेषण बन जाता है।
उदाहरण:
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कौन + सा = कौन-सा
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यही, वही, सबका, ऐसा, वैसा
ये सभी सर्वनामिक विशेषण हैं।
4. सर्वनाम वाक्य में ‘कौन-सा’, ‘कैसा’, ‘कितना’ आदि रूप में प्रश्न बनाए
जब सर्वनाम किसी संज्ञा की विशेषता पूछे — यानी प्रश्न बनाए,
तो वह प्रश्नवाचक सर्वनामिक विशेषण होता है।
उदाहरण:
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कौन-सा रंग तुम्हें पसंद है?
-
कितनी किताबें खरीदीं?
यहाँ “कौन-सा”, “कितनी” — सर्वनामिक विशेषण हैं।
5. सर्वनाम दो पदों को जोड़ता हो और दोनों में समानता दिखाए
अगर कोई सर्वनाम दो शब्दों या पदों के बीच संबंध या समानता स्थापित करता है,
तो वह संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण होता है।
उदाहरण:
-
जिस घर में तुम रहते हो, वह सुंदर है।
“जिस” और “वह” दोनों संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण हैं।
6. सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ‘निश्चित’ या ‘अनिश्चित’ पहचान कराए
अगर सर्वनाम किसी वस्तु की निश्चित पहचान करे — तो निश्चयवाचक,
और अनिश्चित पहचान करे — तो अनिश्चयवाचक सर्वनामिक विशेषण कहलाता है।
उदाहरण:
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यह घर मेरा है। → निश्चयवाचक
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कोई लड़का आया। → अनिश्चयवाचक
सर्वनामिक विशेषण के 20 उदाहरण (Sarvanamik Visheshan Ke 20 Udaharan)
नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनामिक विशेषण शब्दों को underline किया गया है —
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क्रमांक वाक्य (Sentence) सर्वनामिक विशेषण शब्द (Word) व्याख्या (Explanation) 1 यह किताब बहुत ज्ञानवर्धक है। यह यहाँ “यह” सर्वनाम है, जो “किताब” संज्ञा की ओर संकेत कर रहा है, इसलिए यह सर्वनामिक विशेषण है। 2 वह बच्चा रोज़ समय पर स्कूल जाता है। वह “वह” शब्द बच्चे की ओर इशारा करता है — यानी संकेत कर रहा है, इसलिए सर्वनामिक विशेषण। 3 कौन-सा रंग तुम्हें पसंद है? कौन-सा यहाँ “कौन-सा” प्रश्न पूछने के लिए प्रयुक्त हुआ है और “रंग” संज्ञा को विशेष बनाता है। 4 यही गलती तुमने कल भी की थी। यही “यही” गलती शब्द की पहचान निश्चित करता है — निश्चयवाचक सर्वनामिक विशेषण। 5 वही महिला मेरी शिक्षिका हैं। वही “वही” विशेष महिला की ओर इशारा कर रहा है — निश्चितता दर्शाता है। 6 ऐसा अवसर बार-बार नहीं आता। ऐसा “ऐसा” अवसर की प्रकृति बताता है — सर्वनामिक विशेषण है। 7 जैसा काम करोगे, वैसा फल पाओगे। जैसा, वैसा दोनों शब्द संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण हैं — कार्य और फल में संबंध दिखाते हैं। 8 उस दुकान से यह वस्तु खरीदी गई है। उस “उस” दुकान की ओर संकेत कर रहा है — संकेतवाचक सर्वनामिक विशेषण। 9 कोई व्यक्ति दरवाज़े पर खड़ा है। कोई “कोई” व्यक्ति अनिश्चित रूप से बताता है — अनिश्चयवाचक सर्वनामिक विशेषण। 10 कुछ लोग मेहनत से डरते हैं। कुछ “कुछ” शब्द लोगों की अनिश्चित संख्या बताता है — अनिश्चयवाचक सर्वनामिक विशेषण। 11 प्रत्येक छात्र को नियमों का पालन करना चाहिए। प्रत्येक “प्रत्येक” सभी छात्रों में से हर एक को इंगित करता है — सार्वनामिक विशेषण। 12 सबका सपना होता है सफल होना। सबका “सबका” शब्द स्वामित्व दिखा रहा है — यह संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण है। 13 जिस घर में रोशनी नहीं, वहाँ अंधेरा होता है। जिस “जिस” शब्द घर की पहचान कराता है — संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण। 14 वह शहर बहुत साफ़-सुथरा है। वह “वह” शब्द शहर की ओर संकेत कर रहा है — संकेतवाचक सर्वनामिक विशेषण। 15 किस पुस्तक में यह कहानी है? किस “किस” प्रश्नवाचक शब्द है, जो पुस्तक की पहचान पूछ रहा है — प्रश्नवाचक सर्वनामिक विशेषण। 16 कितना सुंदर यह दृश्य है! कितना “कितना” प्रश्नवाचक है — दृश्य की मात्रा या गुण पूछता है। 17 जिसे जैसा कार्य मिलता है, वैसा परिणाम होता है। जिसे, वैसा दोनों संबंधवाचक हैं — दो वस्तुओं में संबंध बता रहे हैं। 18 उसका विचार बहुत अच्छा है। उसका “उसका” किसी व्यक्ति के विचार से संबंध बता रहा है — संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण। 19 ऐसी बातें सभ्य समाज में नहीं कही जातीं। ऐसी “ऐसी” शब्द बातों की प्रकृति बताता है — निश्चयवाचक सर्वनामिक विशेषण। 20 उनकी मेहनत ने उन्हें सफल बनाया। उनकी “उनकी” स्वामित्व बताता है — यानी मेहनत किसकी है, यह स्पष्ट करता है।
सर्वनामिक विशेषण का रूप निर्माण (Sarvanamik Visheshan Ka Roop Nirman)
सर्वनामिक विशेषण शब्द सर्वनाम + प्रत्यय (suffix) या सर्वनाम + संज्ञा से बनते हैं।
| निर्माण विधि | उदाहरण | व्याख्या |
|---|---|---|
| सर्वनाम + संज्ञा | यह लड़की, वह घर | सर्वनाम सीधे संज्ञा से जुड़ता है। |
| सर्वनाम + प्रत्यय (-सा, -ही, -का) | कौन-सा, यही, सबका | सर्वनाम में प्रत्यय जुड़कर विशेषण बनता है। |
| विशेष सर्वनाम रूप | ऐसा, वैसा, ऐसा-ही | रूप बदलकर विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है। |
विशेषज्ञ राय / लेखक की टिप्पणी
Sarvanamik Visheshan भाषा की सुंदरता और स्पष्टता को बढ़ाने वाला एक बेहद महत्वपूर्ण व्याकरणिक तत्व है।
यदि विद्यार्थी यह समझ लें कि “सर्वनामिक” शब्द सर्वनाम से बना विशेषण होता है,
तो पहचानने और प्रयोग करने में कभी भ्रम नहीं रहेगा।
निष्कर्ष
Sarvanamik Visheshan वे शब्द हैं जो सर्वनाम की तरह दिखते हैं,
लेकिन उनका काम किसी संज्ञा की विशेषता बताना होता है।
यह हमारे वाक्य को स्पष्ट, अर्थपूर्ण और आकर्षक बनाते हैं।
याद रखिए —
“जब सर्वनाम संज्ञा की पहचान कराए, तो वह सर्वनामिक विशेषण कहलाए।”
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FAQs: सार्वनामिक विशेषण से जुड़े सामान्य प्रश्न
प्रश्न 1. सार्वनामिक विशेषण क्या होता है?
उत्तर: जब कोई सर्वनाम किसी संज्ञा की विशेषता बताता है, तो वह सार्वनामिक विशेषण कहलाता है।
प्रश्न 2. Sarvanamik Visheshan और Sarvanam में क्या अंतर है?
उत्तर: यदि शब्द संज्ञा का स्थान लेता है तो वह सर्वनाम है;
लेकिन यदि वह संज्ञा के साथ होकर उसकी विशेषता बताए, तो वह सर्वनामिक विशेषण है।
प्रश्न 3. सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण कौन-कौन से हैं?
उत्तर: यह, वह, कौन-सा, वही, यही, सबका, ऐसा, वैसा आदि।
प्रश्न 4. सार्वनामिक विशेषण के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: मुख्यतः चार — संकेतवाचक, प्रश्नवाचक, निश्चयवाचक और अन्य सर्वनामिक विशेषण।
प्रश्न 5. सार्वनामिक विशेषण को कैसे पहचाने?
उत्तर: अगर सर्वनाम किसी संज्ञा की पहचान या विशेषता बताता है, तो वह सर्वनामिक विशेषण होता है।
डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी हिंदी व्याकरण के मानक नियमों और 2025 तक के अद्यतन शैक्षणिक स्रोतों के आधार पर तैयार की गई है।यह लेख केवल शैक्षणिक और शिक्षण उद्देश्य से लिखा गया है।
