परिचय
कल्पना कीजिए — आपकी कक्षा में एक छात्र है “रोहित”।
अब अगर आप कहते हैं — “रोहित अच्छा लड़का है।”
तो “अच्छा” शब्द क्या कर रहा है?
वह रोहित के गुण को बता रहा है। यही शब्द कहलाता है Gunvachak Visheshan।
हिंदी भाषा में विशेषण वह शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, और गुणवाचक विशेषण वह होते हैं जो उस व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण या दोष को व्यक्त करते हैं।
Gunvachak Visheshan Ki Paribhasha
परिभाषा:
वे विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग, अवस्था या स्वभाव को बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan) कहते हैं।
उदाहरण:
-
अच्छा बच्चा पढ़ रहा है।
-
सुंदर फूल खिला है।
-
ईमानदार व्यक्ति सबका सम्मान करता है।
यहाँ “अच्छा”, “सुंदर”, “ईमानदार” — ये सभी शब्द संज्ञा के गुण को व्यक्त कर रहे हैं, इसलिए ये गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan)हैं।
गुणवाचक विशेषण के प्रकार (Gunvachak Visheshan Ke Prakar)
परिभाषा याद रखें:
वे विशेषण जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण, रूप, रंग, अवस्था या स्वभाव को प्रकट करें, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
गुणवाचक विशेषण मुख्यतः 5 प्रकार के होते हैं
1.सामान्य गुणवाचक विशेषण (Sāmānya Gunvachak Visheshan)
जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के सामान्य गुण या दोष को व्यक्त करें, उन्हें सामान्य गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
-
अच्छा लड़का
-
बुरा व्यवहार
-
सुंदर चित्र
-
कुरूप मूर्ति
यहाँ “अच्छा”, “बुरा”, “सुंदर”, “कुरूप” जैसे शब्द व्यक्ति या वस्तु के सामान्य गुण या दोष बताते हैं।
पहचान:
इनसे यह प्रश्न पूछा जा सकता है — “यह कैसा है?”
जवाब में जो शब्द आए — वही सामान्य गुणवाचक विशेषण होगा।
2.रूपवाचक गुणवाचक विशेषण (Roopvachak Gunvachak Visheshan)
जो शब्द किसी वस्तु या व्यक्ति का रंग, रूप, आकार या बनावट बताएं, वे रूपवाचक गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण:
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नीला आसमान
-
काला बादल
-
लाल गुलाब
-
गोल गेंद
ये शब्द वस्तु के रूप या रंग की विशेषता व्यक्त करते हैं।
पहचान:
इनसे “किस रंग का?” या “किस आकार का?” जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
3.भाववाचक गुणवाचक विशेषण (Bhāvavachak Gunvachak Visheshan)
जो शब्द किसी व्यक्ति के भाव, स्वभाव या गुण-दोष को बताएं, उन्हें भाववाचक गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
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ईमानदार व्यक्ति
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दयालु राजा
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नम्र छात्र
-
क्रोधी आदमी
यहाँ “ईमानदार”, “दयालु”, “नम्र”, “क्रोधी” व्यक्ति के स्वभाव का बोध करा रहे हैं।
पहचान:
इनसे यह प्रश्न किया जा सकता है — “यह व्यक्ति किस स्वभाव का है?”
4.अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण (Avasthāvachak Gunvachak Visheshan)
जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु की अवस्था, दशा या स्थिति बताते हैं, उन्हें अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
-
थका हुआ मजदूर
-
बीमार बच्चा
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खुश परिवार
-
उदास लड़की
ये शब्द बताते हैं कि व्यक्ति या वस्तु किस अवस्था में है।
पहचान:
इनसे “किस अवस्था में?” या “कैसे हाल में?” जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
5.तुलनात्मक गुणवाचक विशेषण (Tulnatmak Gunvachak Visheshan)
जो शब्द दो या दो से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों के गुणों की तुलना करें, उन्हें तुलनात्मक गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
-
यह फल उस फल से मीठा है।
-
यह लड़की उस लड़की से सुंदर है।
-
यह विद्यार्थी सबसे श्रेष्ठ है।
यहाँ “मीठा”, “सुंदर”, “श्रेष्ठ” — तुलना कर रहे हैं।
पहचान:
इनसे यह प्रश्न पूछा जा सकता है — “कौन अधिक?” या “कौन श्रेष्ठ?”
और जिन वाक्यों में “से”, “अधिक”, “कम”, “सबसे” आदि शब्द हों — वहाँ प्रायः तुलनात्मक गुणवाचक विशेषण होता है।
सारणी: Gunvachak Visheshan के प्रकार
| क्रमांक | प्रकार का नाम | क्या बताता है | उदाहरण | पहचान |
|---|---|---|---|---|
| 1 | सामान्य गुणवाचक विशेषण | सामान्य गुण या दोष | अच्छा लड़का, बुरा व्यवहार | “कैसा?” प्रश्न का उत्तर देता है |
| 2 | रूपवाचक गुणवाचक विशेषण | रंग, रूप, आकार | नीला आसमान, गोल गेंद | “किस रंग/रूप का?” प्रश्न का उत्तर देता है |
| 3 | भाववाचक गुणवाचक विशेषण | स्वभाव या गुण | ईमानदार व्यक्ति, दयालु राजा | “किस स्वभाव का?” प्रश्न का उत्तर देता है |
| 4 | अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण | अवस्था या दशा | थका हुआ मजदूर, बीमार बच्चा | “किस अवस्था में?” प्रश्न का उत्तर देता है |
| 5 | तुलनात्मक गुणवाचक विशेषण | गुणों की तुलना | मीठा फल, श्रेष्ठ विद्यार्थी | “कौन अधिक/कम?” के भाव से प्रयोग होता है |
गुणवाचक विशेषण पहचानने के नियम (Gunvachak Visheshan Pehchanne Ke Niyam)
गुणवाचक विशेषण वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग, अवस्था या स्वभाव को व्यक्त करते हैं।
इन्हें पहचानना बहुत आसान है अगर आप नीचे दिए गए नियम याद रख लें 👇
1. जो शब्द “कैसा?” प्रश्न का उत्तर दें — वह गुणवाचक विशेषण है।
जब किसी वाक्य में संज्ञा के बारे में “कैसा?” या “किस प्रकार का?” पूछा जाए,
और उसका उत्तर देने वाला शब्द गुण या स्वभाव बताता हो —
तो वही शब्द Gunvachak Visheshan कहलाता है।
उदाहरण:
-
राम कैसा लड़का है? → अच्छा लड़का है।
“अच्छा” = गुणवाचक विशेषण। -
फूल कैसा है? → सुंदर है।
“सुंदर” = गुणवाचक विशेषण। -
आम कैसा है? → मीठा है।
“मीठा” = गुणवाचक विशेषण।
2. जो शब्द रंग, रूप या आकार बताएं — वह भी गुणवाचक विशेषण है।
अगर कोई शब्द किसी वस्तु के रंग, रूप, आकार, बनावट या बाहरी गुण को दर्शाता है,
तो वह Gunvachak Visheshan होता है।
उदाहरण:
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लाल फूल खिला है।
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गोल गेंद लुढ़की।
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नीला आसमान चमक रहा है।
-
लंबा पेड़ हिल रहा है।
यहाँ “लाल”, “गोल”, “नीला”, “लंबा” — सभी शब्द संज्ञा के रूप या रंग का बोध करा रहे हैं।
3. जो शब्द स्वभाव, गुण या दोष बताएं — वे भी गुणवाचक विशेषण हैं।
किसी व्यक्ति या वस्तु के स्वभाव (nature), गुण (quality) या दोष (defect) बताने वाले शब्द भी इसी श्रेणी में आते हैं।
उदाहरण:
-
वह ईमानदार व्यक्ति है।
-
वह आलसी छात्र है।
-
वह दयालु शिक्षक है।
-
यह क्रोधित आदमी है।
यहाँ “ईमानदार”, “आलसी”, “दयालु”, “क्रोधित” — स्वभाव या गुण बता रहे हैं।
4. जिन शब्दों के साथ प्रत्यय जैसे -दार, -मय, -युक्त, -वाला जुड़े हों — वे अक्सर गुणवाचक विशेषण होते हैं।
हिंदी में कई गुणवाचक विशेषण प्रत्ययों (suffixes) से बनते हैं जो “गुण या भरेपन” का अर्थ देते हैं।
| प्रत्यय | उदाहरण | अर्थ |
|---|---|---|
| -दार | मेहनतीदार, गुणीदार | जिसमें गुण हो |
| -मय | प्रेममय, तेज़मय | जो गुण से भरा हो |
| -युक्त | बलयुक्त, ज्ञानयुक्त | जिसके पास वह गुण हो |
| -वाला | मेहनतवाला, प्रेमवाला | जिसमें वह गुण विद्यमान हो |
उदाहरण:
-
वह ज्ञानयुक्त व्यक्ति है।
-
यह प्रेममय कहानी है।
-
वह गुणीदार कलाकार है।
5. जो शब्द किसी की अवस्था (Condition) बताएं — वह भी गुणवाचक विशेषण है।
कभी-कभी गुणवाचक विशेषण अवस्था या दशा व्यक्त करते हैं — जैसे बीमार, थका हुआ, खुश, प्रसन्न आदि।
उदाहरण:
-
वह थका हुआ मजदूर बैठ गया।
-
बच्चा बीमार है।
-
वह खुश परिवार साथ में रहता है।
-
वह प्रसन्न छात्र मुस्कुरा रहा है।
6. तुलना करने वाले शब्द भी गुणवाचक विशेषण हो सकते हैं।
जब कोई शब्द किसी चीज़ की तुलना (Comparison) करता है —
जैसे “अधिक, कम, उत्तम, श्रेष्ठ, मीठा, ठंडा” — तब भी वह गुणवाचक विशेषण कहलाता है।
उदाहरण:
-
यह फल उस फल से मीठा है।
-
यह किताब उस किताब से अच्छी है।
-
वह विद्यार्थी सबसे श्रेष्ठ है।
7. जिन शब्दों से किसी संज्ञा का गुण या दोष बिना संख्या बताए पता चले।
अगर कोई शब्द संख्या या मात्रा नहीं बताता (जैसे तीन, कुछ, बहुत आदि नहीं),
बल्कि केवल “कैसा है” बताता है —
तो वह गुणवाचक विशेषण है।
उदाहरण:
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पवित्र नदी।
-
सुंदर बगीचा।
-
तेज़ हवा।
8. गुणवाचक विशेषण की पहचान के कुछ आसान ट्रिक्स
-
संज्ञा को हटा दो — अगर वाक्य अधूरा लगे, तो वह विशेषण है।
उदाहरण: “सुंदर फूल।” → अगर “फूल” हटाओ → “सुंदर” अकेले अर्थहीन लगेगा → इसलिए यह विशेषण है। -
अगर कोई शब्द भाव या अनुभूति दर्शाए — जैसे प्रेमपूर्ण, शांत, क्रोधित — तो वह गुणवाचक है।
-
जिन शब्दों के आगे “बहुत” या “अत्यंत” लगाया जा सकता है, वे भी प्रायः गुणवाचक विशेषण होते हैं।
उदाहरण: बहुत सुंदर, अत्यंत ईमानदार, बहुत मीठा।
सारांश : Gunvachak Visheshan पहचान के सूत्र
| नियम | पहचान का सूत्र | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1 | “कैसा?” प्रश्न का उत्तर दे | अच्छा बच्चा |
| 2 | रंग/रूप बताए | लाल फूल |
| 3 | स्वभाव/गुण/दोष बताए | ईमानदार व्यक्ति |
| 4 | प्रत्यय -दार, -मय, -युक्त, -वाला हो | प्रेममय कहानी |
| 5 | अवस्था बताए | थका हुआ मजदूर |
| 6 | तुलना दिखाए | मीठा फल |
| 7 | संख्या नहीं बल्कि गुण बताए | सुंदर बगीचा |
| 8 | “बहुत/अत्यंत” जोड़ सकें | बहुत सुंदर लड़की |
गुणवाचक विशेषण के 20 उदाहरण (Gunvachak Visheshan Ke 20 Udaharan)
1. यह अच्छा लड़का पढ़ रहा है।
“अच्छा” संज्ञा “लड़का” का गुण बता रहा है — वह कैसा है? — अच्छा।
इसलिए “अच्छा” गुणवाचक विशेषण है।
2. यह सुंदर फूल खिला है।
“सुंदर” बताता है कि फूल कैसा है — सुंदर।
यहाँ “सुंदर” रूपवाचक गुणवाचक विशेषण है।
3. वह ईमानदार व्यक्ति सबका सम्मान करता है।
“ईमानदार” व्यक्ति के स्वभाव का बोध करा रहा है।
“ईमानदार” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
4. वह दयालु शिक्षक गरीब बच्चों की मदद करता है।
“दयालु” शब्द शिक्षक के स्वभाव का गुण दर्शाता है।
“दयालु” = गुणवाचक विशेषण।
5. यह मीठा आम बहुत स्वादिष्ट है।
“मीठा” बताता है कि आम का स्वाद कैसा है।
“मीठा” = गुणवाचक विशेषण।
6. वह कुरूप मूर्ति अच्छी नहीं लगती।
“कुरूप” शब्द मूर्ति के रूप का वर्णन करता है।
“कुरूप” = रूपवाचक गुणवाचक विशेषण।
7. वह थका हुआ मजदूर आराम कर रहा है।
“थका हुआ” मजदूर की अवस्था (condition) दर्शाता है।
“थका हुआ” = अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण।
8. वह आलसी छात्र परीक्षा में फेल हो गया।
“आलसी” छात्र के स्वभाव (laziness) को बताता है।
“आलसी” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
9. यह लाल गुलाब बहुत सुंदर है।
“लाल” फूल के रंग (color) का बोध करा रहा है।
“लाल” = रूपवाचक गुणवाचक विशेषण।
10. वह बहादुर सैनिक देश की रक्षा करता है।
“बहादुर” सैनिक के गुण (साहस) का वर्णन करता है।
“बहादुर” = गुणवाचक विशेषण।
11. वह शांत विद्यार्थी ध्यान से सुन रहा है।
“शांत” शब्द विद्यार्थी के स्वभाव का बोध कराता है।
“शांत” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
12. वह क्रोधित व्यक्ति चला गया।
“क्रोधित” व्यक्ति की मानसिक अवस्था बताता है।
“क्रोधित” = अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण।
13. यह पवित्र नदी भारत में बहती है।
“पवित्र” नदी के गुण (पावनता) को दिखाता है।
“पवित्र” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
14. वह खुश परिवार साथ में रहता है।
“खुश” परिवार की स्थिति बताता है — वे प्रसन्न हैं।
“खुश” = अवस्थावाचक गुणवाचक विशेषण।
15. यह ठंडा पानी पीने से सुकून देता है।
“ठंडा” पानी के तापमान या गुण को बताता है।
“ठंडा” = रूपवाचक गुणवाचक विशेषण।
16. वह विद्वान गुरु हमें सिखाते हैं।
“विद्वान” गुरु के गुण (ज्ञान) को व्यक्त करता है।
“विद्वान” = गुणवाचक विशेषण।
17. यह काला बादल बारिश लाएगा।
“काला” बादल के रंग को बताता है।
“काला” = रूपवाचक गुणवाचक विशेषण।
18. वह मेहनती किसान खेत में काम कर रहा है।
“मेहनती” किसान के परिश्रम (गुण) को दर्शाता है।
“मेहनती” = गुणवाचक विशेषण।
19. यह सुशील बच्चा सबका कहना मानता है।
“सुशील” शब्द बच्चे के स्वभाव का वर्णन करता है।
“सुशील” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
20. यह उज्ज्वल भविष्य हमारा इंतज़ार कर रहा है।
“उज्ज्वल” भविष्य के सकारात्मक गुण को बताता है।
“उज्ज्वल” = भाववाचक गुणवाचक विशेषण।
गुणवाचक विशेषण के रूप निर्माण (Gunvachak Visheshan Ke Roop Nirman)
गुणवाचक विशेषण कई बार अन्य शब्द-भेदों से बनते हैं, जैसे —
| मूल शब्द | प्रकार | बना हुआ विशेषण | अर्थ |
|---|---|---|---|
| ईमान | संज्ञा | ईमानदार | जिसमें ईमान हो |
| मेहनत | संज्ञा | मेहनती | जो मेहनत करता है |
| तेज़ | संज्ञा | तेजस्वी | जो तेज़ से भरा हो |
| ज्ञान | संज्ञा | ज्ञानी | जो ज्ञानवान हो |
| प्रेम | संज्ञा | प्रेमपूर्ण / प्रेममय | जो प्रेम से भरा हो |
| शांति | संज्ञा | शांत | जिसमें शांति हो |
| सौंदर्य | संज्ञा | सुंदर | जो देखने में अच्छा हो |
इस प्रकार, संज्ञा या भाव से बने ऐसे शब्द जो गुण को दर्शाएँ — वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
विशेषज्ञ राय
Gunvachak Visheshan हिंदी भाषा की आत्मा हैं।
इनके बिना कोई भी वाक्य भावनात्मक नहीं हो सकता।
जब हम कहते हैं ‘सुंदर फूल’, ‘मीठा फल’, या ‘ईमानदार व्यक्ति’ — तब ही भाषा जीवंत होती है।
2025 में भी शिक्षा नीति यही सिखाती है कि भाषा केवल नियमों का नहीं, भावों का माध्यम है — और गुणवाचक विशेषण वही भाव जीवन्त करते हैं।”
गुणवाचक विशेषण के प्रयोग से वाक्य सुंदर कैसे बनता है?
| बिना विशेषण | विशेषण के साथ |
|---|---|
| यह लड़का है। | यह अच्छा लड़का है। |
| वह पानी है। | वह मीठा पानी है। |
| यह फूल है। | यह सुंदर फूल है। |
| वह व्यक्ति है। | वह ईमानदार व्यक्ति है। |
आप देख सकते हैं कि गुणवाचक विशेषण जोड़ने से वाक्य अधिक स्पष्ट, प्रभावशाली और सुंदर बन जाते हैं।
गुणवाचक विशेषण का महत्व (Gunvachak Visheshan ka Mahatva)
-
यह संज्ञा के गुण बताकर भाषा को भावनात्मक बनाते हैं।
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संवाद को अधिक प्रभावी और सजीव बनाते हैं।
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लेखन, कविता और साहित्य में सौंदर्य भरते हैं।
-
तुलना और वर्णन को स्पष्ट करते हैं।
-
व्याकरण के अध्ययन में आधारशिला का कार्य करते हैं।
निष्कर्ष
Gunvachak Visheshan केवल व्याकरण का हिस्सा नहीं — यह भाषा की “आत्मा” हैं।
ये शब्द बताते हैं कि कोई व्यक्ति कैसा है, वस्तु किस रूप में है, या स्थिति किस प्रकार की है।
2025 के विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वे गुणवाचक विशेषणों की पहचान, रूप निर्माण और प्रयोग को समझें —
क्योंकि यही शब्द आपकी भाषा को सुंदर और अभिव्यंजक बनाते हैं।
याद रखें:
“बिना गुणवाचक विशेषण के भाषा फीकी है, और इनके साथ — हर वाक्य जीवंत!”
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FAQs: Gunvachak Visheshan से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
➡ वे विशेषण जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग, या स्वभाव को बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
Q2. गुणवाचक विशेषण की पहचान कैसे करें?
➡ जिन शब्दों से “कैसा?” या “किस प्रकार का?” जैसे प्रश्नों का उत्तर मिले, वे गुणवाचक विशेषण होते हैं।
Q3. Gunvachak Visheshan के कितने प्रकार होते हैं?
➡ सामान्यतः पाँच — सामान्य, रूपवाचक, भाववाचक, अवस्थावाचक, और तुलनात्मक।
Q4. गुणवाचक विशेषण का उदाहरण बताइए।
➡ “अच्छा लड़का”, “सुंदर फूल”, “ईमानदार व्यक्ति” — यहाँ “अच्छा”, “सुंदर”, “ईमानदार” गुणवाचक विशेषण हैं।
Q5. Gunvachak Visheshan क्यों ज़रूरी हैं?
➡ क्योंकि ये भाषा में भाव, सुंदरता और प्रभाव जोड़ते हैं — जिससे वाक्य जीवंत बनते हैं।
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल शैक्षणिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों हेतु लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सामान्य हिंदी व्याकरण के संदर्भ पर आधारित है और समयानुसार अद्यतन (2025) की गई है।
