🌼परिचय
क्या आपने कभी सोचा है — जब हम कहते हैं “राम मंदिर में है”, तो यहाँ “मंदिर में” किसके लिए प्रयोग हुआ है?
यह “में” शब्द बताता है कि क्रिया कहाँ घट रही है — स्थान का बोध कराता है।
यही स्थान बताने वाला कारक कहलाता है अधिकरण कारक (Adhikaran Karak)।
🌼 Adhikaran Karak Ki Paribhasha
अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) वह होता है जो क्रिया के होने का स्थान, काल या अवस्था बताता है।
जब किसी वाक्य में यह बताया जाता है कि क्रिया कहाँ, कब या किस अवस्था में हुई — वहाँ अधिकरण कारक होता है।
| तत्व | विवरण |
|---|---|
| नाम | अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) |
| अर्थ | जहाँ, जिस स्थान, समय या स्थिति में क्रिया होती है |
| मुख्य विभक्ति चिन्ह | में, पर, ऊपर, नीचे, बीच में, अंदर, बाहर |
| प्रश्न शब्द | कहाँ?, किसमें?, किस पर? |
| उदाहरण | राम मंदिर में है, बच्चे मैदान पर खेल रहे हैं। |
“जहाँ पर क्रिया घटित होती है, उस स्थान, काल या अवस्था को बताने वाला कारक अधिकरण कारक कहलाता है।”
🌺 अधिकरण कारक के प्रकार(Adhikaran Karak ke prakar)
अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) को तीन प्रकारों में बाँटा गया है:
| प्रकार | विवरण | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1. स्थान अधिकरण (Place Adhikaran Karak) | जहाँ क्रिया घटती है | बच्चा कमरे में पढ़ रहा है। |
| 2. काल अधिकरण (Time Adhikaran Karak) | जब क्रिया घटती है | वह सुबह में नहाता है। |
| 3. अवस्था अधिकरण (Condition Adhikaran Karak) | जिस दशा में क्रिया घटती है | वह थकान में सो गया। |
🌻 अधिकरण कारक की पहचान(Adhikaran Karak Ki Pahchan)
अधिकरण कारक को पहचानने के लिए नीचे दिए नियम याद रखिए 👇
| क्रम | पहचान | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1 | वाक्य में “कहाँ”, “किसमें”, “किस पर” का उत्तर मिले | राम मंदिर में है। |
| 2 | क्रिया के स्थान या समय का उल्लेख हो | वह दोपहर में आया। |
| 3 | “में”, “पर”, “ऊपर”, “नीचे”, “बीच में” जैसे शब्द हों | किताब मेज़ पर है। |
| 4 | क्रिया का स्थान बताया गया हो | विद्यार्थी विद्यालय में हैं। |
| 5 | अवस्था का बोध हो | वह खुशी में झूम उठा। |
💡 Trick: अगर वाक्य में “में” या “पर” जैसे शब्द हैं जो बताते हैं कि कुछ कहाँ हुआ, तो समझ लीजिए — यह अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) है।
🌸 अधिकरण कारक के उदाहरण(Adhikaran Karak ke udaharan)
-
राम मंदिर में है।
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बच्चे मैदान पर खेल रहे हैं।
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गाय खेत में चर रही है।
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वह कुर्सी पर बैठा है।
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मोहन कमरे में पढ़ाई कर रहा है।
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पक्षी आसमान में उड़ रहे हैं।
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वह थकान में सो गया।
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पिताजी कार्यालय में कार्य कर रहे हैं।
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सूरज आसमान में चमक रहा है।
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विद्यार्थी कक्षा में ध्यानपूर्वक सुन रहे हैं।
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गेंद मेज़ के नीचे चली गई।
-
दीपक मंदिर में जल रहा है।
इन सभी वाक्यों में “में”, “पर”, “नीचे” जैसे शब्द अधिकरण कारक की उपस्थिति दर्शाते हैं।
🌼 अधिकरण कारक का रूप निर्माण(Adhikaran Karak Ke Roop Nirman)
| शब्द प्रकार | उदाहरण | अधिकरण कारक रूप |
|---|---|---|
| संज्ञा + में/पर | घर + में | घर में |
| स्थान सूचक शब्द + पर/में | छत + पर | छत पर |
| काल सूचक शब्द + में | सुबह + में | सुबह में |
| अवस्था सूचक शब्द + में | खुशी + में | खुशी में |
| सर्वनाम + पर | उस + पर | उस पर |
इस तरह से संज्ञा, सर्वनाम या समयसूचक शब्द में विभक्ति जोड़ने से अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) बनता है।
🌹 अधिकरण कारक का महत्व(Adhikaran Karak Ka Mahatva)
-
यह वाक्य में क्रिया की जगह, समय या स्थिति स्पष्ट करता है।
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इससे भाषा की संरचना मजबूत बनती है।
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व्याकरण में सही कारक पहचानने से छात्रों को अंक प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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हिंदी भाषा की अभिव्यक्ति में सटीकता लाता है।
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अधिकरण कारक वाक्य को सुंदर और स्पष्ट बनाता है।
🎓 विशेषज्ञ की राय
अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) व्याकरण के सबसे आसान और प्रयोगात्मक कारकों में से एक है।
यह रोज़मर्रा की भाषा में स्वाभाविक रूप से प्रयोग होता है, जैसे — ‘कपड़ा अलमारी में है’ या ‘बच्चा बिस्तर पर सोया है’।
2025 के नए हिंदी पाठ्यक्रम में भी अधिकरण कारक के अभ्यास को विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य रूप से जोड़ा गया है।”
🌺 निष्कर्ष
अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) वाक्य का एक ऐसा भाग है जो क्रिया के होने का स्थान, समय या स्थिति स्पष्ट करता है।
यह भाषा को स्पष्ट, प्रभावशाली और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाता है।
हर वाक्य जहाँ “में” या “पर” जैसे शब्द हों — वहाँ अधिकरण कारक अवश्य होता है।
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❓ FAQs: अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) से जुड़े प्रश्न
1. अधिकरण कारक क्या होता है?
वह कारक जो क्रिया के होने का स्थान, समय या अवस्था बताता है, उसे अधिकरण कारक (Adhikaran Karak) कहते हैं।
2. अधिकरण कारक की पहचान कैसे करें?
यदि वाक्य में “कहाँ”, “किसमें”, “किस पर” का उत्तर मिलता है, तो वह अधिकरण कारक है।
3. अधिकरण कारक के कितने प्रकार हैं?
तीन प्रकार — स्थान अधिकरण, काल अधिकरण और अवस्था अधिकरण।
4. अधिकरण कारक के उदाहरण कौन-से हैं?
राम मंदिर में है, गाय खेत में चर रही है, बच्चा मैदान पर खेल रहा है।
5. अधिकरण कारक की विभक्ति क्या होती है?
में, पर, ऊपर, नीचे, अंदर, बाहर आदि विभक्ति चिन्ह।
6. अधिकरण कारक क्यों महत्वपूर्ण है?
यह वाक्य में क्रिया के स्थान और परिस्थिति का सटीक बोध कराता है — इसलिए व्याकरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
⚠️ डिस्क्लेमर:
यह लेख हिंदी व्याकरण के नवीनतम (2025) पाठ्यक्रम पर आधारित है।
जानकारी NCERT और CBSE पाठ्यपुस्तकों के अनुरूप दी गई है।
