परिचय
कभी आपने सुना है — “थोड़ा पानी दो”, “ज्यादा मेहनत करो”, “बहुत मिठाई खाओ”?
इन वाक्यों में “थोड़ा”, “ज्यादा”, “बहुत” जैसे शब्द मात्रा या परिमाण को दर्शाते हैं।
यही शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
हिंदी व्याकरण में विशेषण का यह रूप बहुत उपयोगी है — क्योंकि यह हमें किसी वस्तु या क्रिया की मात्रा (quantity) का बोध कराता है।
Pariman Vachak Visheshan Ki Paribhasha
परिमाणवाचक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा, सीमा या परिमाण को बताते हैं।
इनसे हमें यह जानकारी मिलती है कि — कितना, कितनी मात्रा में या कितनी सीमा तक कुछ है।
🔹 सरल शब्दों में:
जो शब्द किसी वस्तु, व्यक्ति या क्रिया की मात्रा (कितना या कितनी) का बोध कराएं, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
| उदाहरण वाक्य | Pariman Vachak Visheshan |
|---|---|
| मेरे पास थोड़े पैसे हैं। | थोड़े |
| राम ने ज्यादा पानी पिया। | ज्यादा |
| सीता ने बहुत काम किया। | बहुत |
| आज कम लोग आए। | कम |
परिमाणवाचक विशेषण के प्रकार (Pariman Vachak Visheshan Ke Prakar)
Pariman Vachak Visheshan को दो मुख्य वर्गों में बाँटा जा सकता है
| प्रकार | विवरण | उदाहरण |
|---|---|---|
| निश्चित परिमाणवाचक विशेषण | जो निश्चित मात्रा का बोध कराते हैं | दो, चार, पचास, किलो, लीटर, मीटर |
| अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण | जो अनिश्चित मात्रा का बोध कराते हैं | थोड़ा, अधिक, बहुत, कम, ज्यादा |
1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (Nishchit Pariman Vachak Visheshan)
अर्थ:
ऐसे विशेषण जो किसी चीज़ की मात्रा को स्पष्ट रूप में बताते हैं, यानी “कितना” का सटीक उत्तर देते हैं।
उदाहरण:
-
राम ने दो किलो चावल खरीदे।
-
मीना ने तीन लीटर दूध उबाला।
-
यह रस्सी पाँच मीटर लंबी है।
-
उसने एक दर्जन केले लिए।
विशेषता:
-
ये माप (किलो, लीटर, मीटर आदि) या संख्या के साथ आते हैं।
-
इनमें कोई अनुमान नहीं होता — मात्रा तय होती है।
याद रखने की ट्रिक:
अगर शब्द संख्या या माप से जुड़ा हो → निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (Anishchit Pariman Vachak Visheshan)
अर्थ:
जो शब्द मात्रा का बोध तो कराते हैं, लेकिन उसकी सीमा या सटीक माप नहीं बताते — वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण:
-
मेरे पास थोड़े पैसे हैं।
-
वह बहुत काम करता है।
-
आज बाजार में कम भीड़ है।
-
यह कमरा काफी बड़ा है।
-
उसने जितना पढ़ा, उतना ही लिखा।
विशेषता:
-
ये अनुमान या भावात्मक मात्रा बताते हैं।
-
इनसे सटीक गणना नहीं की जा सकती।
-
“थोड़ा”, “बहुत”, “कम”, “काफी”, “ज्यादा” आदि इसमें आते हैं।
याद रखने की ट्रिक:
जो शब्द मात्रा तो बताते हैं लेकिन संख्या या माप नहीं बताते → अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
सारणी के रूप में तुलना
| आधार | निश्चित परिमाणवाचक विशेषण | अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण |
|---|---|---|
| परिभाषा | जो निश्चित मात्रा या माप बताते हैं | जो अनुमानित मात्रा बताते हैं |
| माप का आधार | संख्या, किलो, लीटर, मीटर आदि | बिना माप के मात्रा |
| प्रश्न का उत्तर | “कितना?” (सटीक उत्तर) | “कितना?” (अनुमानित उत्तर) |
| उदाहरण | दो किलो, तीन लीटर, आधा दर्जन | थोड़ा, बहुत, कम, ज्यादा, काफी |
परिमाणवाचक विशेषण को पहचानने के नियम (Pariman Vachak Visheshan Ko Pehchanne Ke Niyam)
नियम 1: “कितना” या “कितनी” का उत्तर देने वाला शब्द खोजिए
सबसे आसान और लोकप्रिय नियम यही है।
ट्रिक:
यदि किसी वाक्य में कोई शब्द “कितना?” या “कितनी?” का उत्तर देता है —
तो वह Pariman Vachak Visheshan होता है।
उदाहरण:
-
मुझे थोड़ा पानी दो। → कितना पानी? → थोड़ा
-
उसने बहुत काम किया। → कितना काम? → बहुत
नियम 2: जो शब्द मात्रा या सीमा का बोध कराएं
ये शब्द बताते हैं कि किसी वस्तु, क्रिया या व्यक्ति में कितनी मात्रा या सीमा है।
उदाहरण:
-
नदी में कम पानी है। (मात्रा कम है)
-
मोहन ने ज्यादा खाना खाया। (अधिक मात्रा)
-
कमरे में थोड़ी जगह है। (सीमा सीमित है)
व्याख्या:
यहाँ “कम”, “ज्यादा”, “थोड़ी” सभी शब्द मात्रा/सीमा को प्रकट कर रहे हैं — इसलिए ये परिमाणवाचक विशेषण हैं।
नियम 3: संख्या या माप वाले शब्द ध्यान से देखें
कुछ परिमाणवाचक विशेषण स्पष्ट रूप से संख्या या माप की इकाइयों से जुड़े होते हैं —
जैसे किलो, लीटर, मीटर, दर्जन, ग्राम आदि।
उदाहरण:
-
राम ने दो किलो चावल खरीदे।
-
उसने एक लीटर तेल लिया।
-
यह रस्सी पाँच मीटर लंबी है।
यहाँ “दो किलो”, “एक लीटर”, “पाँच मीटर” सभी निश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।
नियम 4: तुलना वाले शब्दों को पहचानें
कई बार परिमाणवाचक विशेषण “तुलना” के रूप में प्रयोग होते हैं।
उदाहरण:
-
जितना बोओगे, उतना पाओगे।
-
वह मुझसे ज्यादा मेहनत करता है।
यहाँ “जितना” और “ज्यादा” दोनों मात्रा या सीमा की तुलना कर रहे हैं — इसलिए ये भी परिमाणवाचक विशेषण हैं।
नियम 5: जिन शब्दों से “अनुमानित मात्रा” का पता चले
यदि वाक्य में कोई शब्द ऐसी मात्रा बताता है जो सटीक नहीं लेकिन अनुमानित है,
तो वह भी परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है।
उदाहरण:
-
आज बाजार में काफी भीड़ है।
-
मुझे थोड़ा-सा आराम चाहिए।
-
बच्चों ने जितना खेला, उतना ही थक गए।
इन शब्दों से सटीक मात्रा नहीं पता चलती, पर परिमाण का अनुमान मिलता है।
नियम 6: प्रत्यय (-सा, -भर, -जितना) वाले शब्दों पर ध्यान दें
कुछ परिमाणवाचक विशेषण शब्दों के अंत में विशेष प्रत्यय लगते हैं,
जो उन्हें मात्रा दर्शाने वाला बना देते हैं।
प्रमुख प्रत्यय:
-
-सा, -भर, -जितना
उदाहरण:
| शब्द | अर्थ | वर्ग |
|---|---|---|
| थोड़ा-सा | हल्की मात्रा | अनिश्चित परिमाण |
| इतना-भर | सीमित मात्रा | अनिश्चित परिमाण |
| जितना | तुलना-आधारित मात्रा | परिमाण सूचक |
वाक्य उदाहरण:
-
मुझे थोड़ा-सा दूध चाहिए।
-
उसने इतना-भर काम किया।
-
जितना लिखा, उतना ही पढ़ा।
परिमाणवाचक विशेषण के 20 उदाहरण (Pariman Vachak Visheshan Ke 20 Udaharan)
नीचे दिए गए वाक्यों में परिमाणवाचक विशेषण को रेखांकित किया गया है और हर उदाहरण का अर्थ और कारण समझाया गया है
| क्रम | वाक्य | परिमाणवाचक विशेषण | व्याख्या |
|---|---|---|---|
| 1 | मुझे थोड़ा पानी दो। | थोड़ा | “थोड़ा” पानी की मात्रा बता रहा है → परिमाण सूचक। |
| 2 | वह बहुत मेहनती है। | बहुत | “बहुत” मेहनत की मात्रा को दिखा रहा है। |
| 3 | राम ने ज्यादा खाना खा लिया। | ज्यादा | “ज्यादा” भोजन की अधिक मात्रा दर्शा रहा है। |
| 4 | इस बोतल में कम दूध है। | कम | दूध की मात्रा कम है → परिमाण सूचक। |
| 5 | सीता ने इतना काम किया जितना गीता ने नहीं। | इतना | “इतना” काम की सीमा दर्शा रहा है। |
| 6 | कमरे में थोड़ी जगह है। | थोड़ी | “थोड़ी” जगह की मात्रा बता रहा है। |
| 7 | मेरे पास चार पेंसिल हैं। | चार | “चार” सटीक मात्रा (संख्या) बता रहा है। |
| 8 | उसने एक लीटर तेल खरीदा। | एक लीटर | “एक लीटर” तेल की निश्चित मात्रा है। |
| 9 | आज काफी लोग आए। | काफी | “काफी” का अर्थ है — पर्याप्त या अधिक मात्रा। |
| 10 | मुझे थोड़ा-सा आराम चाहिए। | थोड़ा-सा | आराम की छोटी मात्रा दर्शा रहा है। |
| 11 | वे जितना काम करते हैं, उतना ही कमाते हैं। | जितना | तुलना आधारित परिमाण सूचक शब्द। |
| 12 | मोहन के पास पाँच रुपये हैं। | पाँच | “पाँच” निश्चित परिमाण बताता है। |
| 13 | नदी में कम पानी रह गया है। | कम | “कम” पानी की मात्रा दर्शाता है। |
| 14 | वह ज्यादा पढ़ता है। | ज्यादा | “ज्यादा” अध्ययन की अधिक मात्रा बता रहा है। |
| 15 | मेरे पास काफी किताबें हैं। | काफी | “काफी” किताबों की बड़ी मात्रा दिखा रहा है। |
| 16 | आज मौसम में थोड़ी ठंड है। | थोड़ी | “थोड़ी” ठंड — यानी हल्की मात्रा में। |
| 17 | तुम्हारे घर में बहुत रौशनी है। | बहुत | “बहुत” रौशनी की अधिकता दिखा रहा है। |
| 18 | उसने दो किलो सेब खरीदे। | दो किलो | “दो किलो” सटीक माप बताता है। |
| 19 | वह थोड़ा-थोड़ा गुस्सा करता है। | थोड़ा-थोड़ा | बार-बार कम मात्रा में क्रिया का होना। |
| 20 | परीक्षा में कम प्रश्न कठिन थे। | कम | कठिन प्रश्नों की संख्या कम थी। |
परिमाणवाचक विशेषण का रूप निर्माण (Pariman Vachak Visheshan Ka Roop Nirman)
परिमाणवाचक विशेषण विभिन्न शब्दों से बनते हैं — जैसे संज्ञा, संख्या, सर्वनाम, या अन्य विशेषण से।
| मूल शब्द | रूप | श्रेणी |
|---|---|---|
| थोड़ा | थोड़ा-सा | परिमाण सूचक |
| दो | दो लीटर | निश्चित परिमाण |
| अधिक | अधिकतर | परिमाण वाचक रूप |
| जितना | उतना | तुलना आधारित परिमाण |
| कम | कम-से-कम | सीमित परिमाण |
उदाहरण:
-
“थोड़ा” → “थोड़ा-सा” → मात्रा में सूक्ष्मता जोड़ता है।
-
“ज्यादा” → “ज्यादा-से-ज्यादा” → अधिकतम सीमा दर्शाता है।
-
“दो” → “दो किलो” → माप आधारित परिमाण दर्शाता है।
विशेषज्ञ राय
Pariman Vachak Visheshan हिंदी के उन महत्वपूर्ण विशेषणों में से हैं जो किसी वाक्य को मात्रात्मक अर्थ देते हैं।
यदि विद्यार्थी इन शब्दों का प्रयोग समझ लें, तो वे लेखन और बोलचाल दोनों में अधिक सटीक और प्रभावी बन सकते हैं।
मेरा सुझाव है — अभ्यास के लिए रोजमर्रा की बातचीत में थोड़ा, बहुत, ज्यादा, कम जैसे शब्दों को पहचानने की आदत डालें।”
परिमाणवाचक विशेषण और अन्य विशेषणों में अंतर
| आधार | Pariman Vachak Visheshan | Gunvachak Visheshan | Sankhyavachak Visheshan |
|---|---|---|---|
| अर्थ | मात्रा या परिमाण बताता है | गुण या विशेषता बताता है | संख्या बताता है |
| प्रश्न | कितना / कितनी | कैसा / कैसी | कितने |
| उदाहरण | बहुत, कम, थोड़ा | सुंदर, बड़ा, छोटा | एक, दो, तीन |
परिमाणवाचक विशेषण का महत्व (Pariman Vachak Visheshan Ka Mahatva)
-
यह किसी वस्तु या क्रिया की मात्रा स्पष्ट करता है।
-
भाषा को प्रभावशाली और सटीक बनाता है।
-
वाक्यों में गणना या अनुमान का भाव लाता है।
-
व्याकरणिक शुद्धता बनाए रखने में मदद करता है।
परिमाणवाचक विशेषण को याद रखने की आसान ट्रिक्स
ट्रिक 1:
जो शब्द “कितना” के सवाल का जवाब दें → वही परिमाणवाचक विशेषण।
ट्रिक 2:
“थोड़ा”, “बहुत”, “कम”, “ज्यादा”, “इतना”, “काफी” — ये 6 शब्द कभी न भूलें।
ये सबसे ज़्यादा प्रयोग में आते हैं।
ट्रिक 3:
माप या संख्या + संज्ञा → निश्चित परिमाण
जैसे “दो किलो चावल”, “तीन लीटर दूध”।
निष्कर्ष
Pariman Vachak Visheshan (परिमाणवाचक विशेषण) हिंदी भाषा के ऐसे शब्द हैं जो कितना या कितनी मात्रा में जैसी जानकारी देते हैं।
इनके बिना हमारे वाक्य अधूरे लगेंगे — क्योंकि मात्रा या सीमा का बोध ही नहीं होगा।
2025 के हिंदी व्याकरण अध्ययन में यह विषय बेहद जरूरी है, खासकर उन छात्रों के लिए जो भाषा की गहराई समझना चाहते हैं।
“थोड़ा-थोड़ा सीखते रहो — ज्ञान का परिमाण खुद बढ़ता जाएगा।”
Read Also:
Gunvachak Visheshan Ki Paribhasha: प्रकार, नियम और उदाहरण 2025
FAQs (परिमाणवाचक विशेषण से संबंधित सामान्य प्रश्न)
Q1. परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?
जो विशेषण किसी संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या परिमाण बताते हैं, उन्हें Pariman Vachak Visheshan कहते हैं।
Q2. परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण क्या हैं?
थोड़ा, बहुत, कम, ज्यादा, काफी, एक किलो, दो लीटर आदि।
Q3. Pariman Vachak Visheshan और Sankhyavachak Visheshan में क्या अंतर है?
Pariman Vachak Visheshan मात्रा बताते हैं (जैसे — थोड़ा पानी), जबकि Sankhyavachak Visheshan संख्या बताते हैं (जैसे — तीन सेब)।
Q4. क्या ‘बहुत’ शब्द परिमाणवाचक विशेषण है?
हाँ, क्योंकि यह किसी वस्तु या कार्य की मात्रा बताता है।
Q5. छात्रों के लिए परिमाणवाचक विशेषण सीखना क्यों जरूरी है?
इससे वे वाक्य रचना में सटीकता ला सकते हैं और भाषा की मात्रा-संवेदनशीलता को समझ सकते हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारीपूर्ण उद्देश्य से लिखा गया है।
इसमें दी गई सामग्री नवीनतम हिंदी व्याकरण (2025) संदर्भों पर आधारित है।
