परिचय
कभी आपने सुना है — राजकुमार, देवदर्शन, ग्रामप्रधान या जलपान जैसे शब्द?
क्या आप जानते हैं कि ये शब्द दो शब्दों के मेल से बने हैं, लेकिन बोलने पर एक ही शब्द लगते हैं?
यही तो हिंदी व्याकरण की सबसे सुंदर रचना है — तत्पुरुष समास ।
सोचिए, अगर हर जगह हमें “राजा का पुत्र” या “देव का दर्शन” कहना पड़े, तो भाषा कितनी लंबी और बोझिल लगती।
लेकिन जब हम कहते हैं राजकुमार या देवदर्शन, तो भाषा संक्षिप्त और प्रभावी बन जाती है।
इसलिए तत्पुरुष समास न सिर्फ व्याकरणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी भाषा की सुंदरता का आधार भी है।
Tatpurush Samas ki Paribhasha
तत्पुरुष समास वह समास है जिसमें दो शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं,
जहाँ दूसरा पद (शब्द) मुख्य होता है और पहले पद का अर्थ उस पर निर्भर करता है।
👉 सरल शब्दों में:
जब किसी संयुक्त शब्द का अर्थ इस प्रकार हो कि पहले शब्द का संबंध दूसरे से “का, के, की, से, में, पर, द्वारा” आदि से व्यक्त किया जा सके, तो वह Tatpurush Samas कहलाता है।
📊 उदाहरण सारणी
| संयुक्त शब्द | विग्रह (अलग रूप) | अर्थ |
|---|---|---|
| राजकुमार | राजा का पुत्र | राजा का बेटा |
| जलपान | जल का पान | पानी पीना |
| देवदर्शन | देव का दर्शन | भगवान को देखना |
| ग्रामप्रधान | ग्राम का प्रधान | गाँव का मुखिया |
| हस्तलेख | हाथ से लिखा | हस्ताक्षर |
इन सभी शब्दों में “का/की/से” जैसे संबंध सूचक शब्द छिपे हैं — यही है तत्पुरुष समास की पहचान।
तत्पुरुष समास के छह प्रकार (Tatpurush Samas Ke 6 Prakar)
1️⃣ कर्म तत्पुरुष समास (Karm Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध द्वितीया कारक (कर्म कारक) से होता है, उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते हैं।
दूसरे शब्दों में:
जब पहले शब्द का अर्थ “क्या?” या “किसको?” जैसे प्रश्नों का उत्तर दे, तो वह कर्म तत्पुरुष समास कहलाता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— का / को / क्या” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| जलपान | जल का पान | पानी पीना |
| देवदर्शन | देव का दर्शन | भगवान को देखना |
| पुष्पसेवन | पुष्प का सेवन | फूलों का उपभोग |
👉 इन सभी में पहले पद (जल, देव, पुष्प) का संबंध कर्म से है, इसलिए ये कर्म तत्पुरुष समास हैं।
2️⃣ करण तत्पुरुष समास (Karan Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध तृतीया कारक (करण) से होता है, उसे करण तत्पुरुष समास कहते हैं।
सरल भाषा में:
जब पहले शब्द का अर्थ “किससे?” या “किसके द्वारा?” हो, तो वह करण तत्पुरुष समास होता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— से / द्वारा” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| हस्तलेख | हाथ से लिखा | हाथ का लिखा हुआ |
| पवनचालित | पवन से चलित | हवा से चलने वाला |
| मनोगत | मन से संबंधित | मन में गया हुआ |
👉 यहाँ “हाथ से”, “हवा से”, “मन से” — ये सभी करण कारक के अर्थ हैं।
3️⃣ सम्प्रदान तत्पुरुष समास (Sampradan Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध चतुर्थी कारक (सम्प्रदान) से होता है, उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
सरल शब्दों में:
जब पहले शब्द का अर्थ “के लिए” या “को” दर्शाए, तो वह सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहलाता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— के लिए / को” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| देवपूजन | देव के लिए पूजन | भगवान की पूजा |
| बालसेवा | बालकों के लिए सेवा | बच्चों की सेवा |
| गुरुदक्षिणा | गुरु को दक्षिणा | गुरु के लिए भेंट |
👉 यहाँ “देव के लिए”, “बच्चों के लिए”, “गुरु को” जैसे अर्थ हैं — इसलिए ये सम्प्रदान तत्पुरुष समास हैं।
4️⃣ अपादान तत्पुरुष समास (Apadan Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध पंचमी कारक (अपादान) से होता है, उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
सरल भाषा में:
जब पहले शब्द का अर्थ “से अलग होना”, “से वियोग” या “से दूरी” दर्शाए, तो वह अपादान तत्पुरुष समास कहलाता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— से / से अलग” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| मातृवियोग | माता से वियोग | माँ से बिछड़ना |
| जनवियोग | जन से वियोग | लोगों से दूर होना |
| स्वदेशत्याग | स्वदेश से त्याग | अपने देश से अलग होना |
👉 इन शब्दों में “से वियोग” या “से त्याग” का भाव है — इसलिए ये अपादान तत्पुरुष समास हैं।
5️⃣ सम्बन्ध तत्पुरुष समास (Sambandh Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध षष्ठी कारक (संबंध कारक) से होता है, उसे संबंध तत्पुरुष समास कहा जाता है।
सरल शब्दों में:
जब पहले शब्द का अर्थ “का, के, की” से जुड़ा हो, तो वह संबंध तत्पुरुष समास कहलाता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— का / के / की” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| राजकुमार | राजा का पुत्र | राजा का बेटा |
| ग्रामप्रधान | गाँव का प्रधान | गाँव का मुखिया |
| बालमित्र | बालक का मित्र | बच्चों का दोस्त |
👉 यहाँ पहले शब्द (राजा, ग्राम, बालक) का अर्थ “का/के/की” से जुड़ा है — इसलिए ये संबंध तत्पुरुष समास हैं।
6️⃣ अधिकरण तत्पुरुष समास (Adhikarana Tatpurush Samas)
जिस Tatpurush Samas में पहले पद का संबंध सप्तमी कारक (अधिकरण) से होता है, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
सरल भाषा में:
जब पहले शब्द का अर्थ “में / पर / पर स्थित” के भाव में हो, तो वह अधिकरण तत्पुरुष समास कहलाता है।
🔹 विग्रह चिन्ह:
“— में / पर” से वाक्य बने।
उदाहरण:
| संयुक्त शब्द | विग्रह | अर्थ |
|---|---|---|
| ग्रामनिवासी | ग्राम में निवास करने वाला | गाँव में रहने वाला |
| आकाशगमन | आकाश में गमन | आकाश में चलना |
| जलस्थित | जल में स्थित | पानी में रहने वाला |
👉 इन शब्दों में “में / पर” का भाव छिपा है — इसलिए ये अधिकरण तत्पुरुष समास हैं।
तत्पुरुष समास के 20 उदाहरण (Tatpurush Samas Ke 20 udaharan)
| क्रम | तत्पुरुष समास | विग्रह | समास का प्रकार |
|---|---|---|---|
| 1 | राजकुमार | राजा का पुत्र | संबंध |
| 2 | जलपान | जल का पान | कर्म |
| 3 | देवदर्शन | देव का दर्शन | कर्म |
| 4 | हस्तलेख | हाथ से लिखा | करण |
| 5 | मातृवियोग | माता से वियोग | अपादान |
| 6 | देवपूजन | देव के लिए पूजन | सम्प्रदान |
| 7 | ग्रामनिवासी | ग्राम में निवास करने वाला | अधिकरण |
| 8 | गुरुपदेश | गुरु का उपदेश | संबंध |
| 9 | पुस्तकालय | पुस्तकों का स्थान | संबंध |
| 10 | अन्नदाता | अन्न का दाता | संबंध |
| 11 | राजमार्ग | राजा का मार्ग | संबंध |
| 12 | नीलकमल | नीला कमल | कर्मधारय (विशेषणात्मक) |
| 13 | गुरुदक्षिणा | गुरु को दक्षिणा | सम्प्रदान |
| 14 | स्वदेशत्याग | स्वदेश से त्याग | अपादान |
| 15 | हस्तकला | हाथ की कला | संबंध |
| 16 | मनोगत | मन से गया हुआ | करण |
| 17 | जनवियोग | जन से वियोग | अपादान |
| 18 | बालसेवा | बालकों के लिए सेवा | सम्प्रदान |
| 19 | आकाशगमन | आकाश में गमन | अधिकरण |
| 20 | ग्रामप्रधान | ग्राम का प्रधान | संबंध |
त्पुरुष समास का रूप निर्माण (Tatpurush Samas Ka Roop Nirman)
Tatpurush Samas का निर्माण आमतौर पर दो पदों से होता है —
पहला अपूर्वपद (Dependent) और दूसरा प्रधानपद (Main)।
| निर्माण प्रकार | उदाहरण | अर्थ |
|---|---|---|
| संज्ञा + संज्ञा | राजकुमार | राजा का पुत्र |
| संज्ञा + विशेषण | नीलकमल | नीला कमल |
| संज्ञा + क्रिया | देवपूजन | देव का पूजन |
| विशेषण + संज्ञा | महापुरुष | महान व्यक्ति |
तत्पुरुष समास पहचानने के नियम (Tatpurush Samas Pahchanne ke Niyam)
नियम 1: दूसरे पद का प्रधान होना
तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान (मुख्य) होता है।
पहला पद केवल उसके साथ जुड़ा हुआ कारक पद होता है।
उदाहरण:
राजकुमार = राजा का पुत्र
यहाँ “कुमार” प्रधान है, इसलिए यह तत्पुरुष समास है।
नियम 2: “का, के, की, को, से, में, के लिए” आदि अर्थ छिपे हों
तत्पुरुष समास में इन शब्दों का भाव भीतर छिपा रहता है,
परंतु वे प्रत्यक्ष रूप से नहीं लिखे जाते।
उदाहरण:
-
जलपान → जल का पान
-
देवपूजन → देव के लिए पूजन
-
ग्रामनिवासी → ग्राम में निवास करने वाला
➡ यहाँ “का”, “के लिए”, “में” जैसे कारक शब्द छिपे हैं।
नियम 3: पहले पद और दूसरे पद में कारक संबंध हो
तत्पुरुष समास में दोनों पदों में कोई कारक संबंध (संबंध, करण, अपादान, अधिकरण, कर्म या सम्प्रदान) अवश्य होता है।
| कारक | उदाहरण | अर्थ |
|---|---|---|
| संबंध | राजकुमार | राजा का पुत्र |
| करण | हस्तलेख | हाथ से लिखा |
| अपादान | मातृवियोग | माता से वियोग |
| सम्प्रदान | देवपूजन | देव के लिए पूजन |
| अधिकरण | ग्रामनिवासी | ग्राम में रहने वाला |
| कर्म | जलपान | जल का पान |
नियम 4: पहले पद को हटाने पर अर्थ अधूरा हो जाता है
यदि किसी संयुक्त शब्द से पहला पद हटा दिया जाए, तो उसका अर्थ अधूरा या अपूर्ण हो जाता है।
उदाहरण:
-
राजकुमार → यदि “राज” हटा दें तो केवल “कुमार” बचता है, अर्थ बदल जाता है।
-
जलपान → “जल” हटाने पर “पान” का अर्थ अधूरा हो जाता है।
➡ यह तत्पुरुष समास का संकेत है।
नियम 5: विग्रह करने पर दूसरा पद प्रधान दिखे
तत्पुरुष समास का विग्रह करते समय
दूसरा शब्द मुख्य अर्थ बताता है, पहला शब्द सहायक बनता है।
उदाहरण:
-
देवदर्शन → देव का दर्शन (मुख्य क्रिया “दर्शन”)
-
ग्रामप्रधान → ग्राम का प्रधान (मुख्य शब्द “प्रधान”)
नियम 6: तत्पुरुष समास में कारक चिन्ह दिखाई नहीं देते
तत्पुरुष समास में “का, के, की, से, को, में” जैसे कारक शब्द प्रकट नहीं होते,
लेकिन उनका अर्थ समझ में आता है।
उदाहरण:
-
देवदर्शन (देव का दर्शन)
-
हस्तलेख (हाथ से लिखा)
-
बालसेवा (बालकों के लिए सेवा)
नियम 7: समास का दूसरा पद हमेशा प्रधान होता है
यह नियम सबसे महत्वपूर्ण है।
तत्पुरुष समास में अर्थ हमेशा दूसरे पद पर केंद्रित होता है।
उदाहरण:
-
ग्रामनिवासी → मुख्य अर्थ “निवासी” पर है।
-
हस्तकला → मुख्य अर्थ “कला” पर है।
नियम 8: तत्पुरुष समास में कारक विभक्ति हटाकर शब्द जुड़ते हैं
विग्रह रूप में जो “का, के, की, से, को, में” जैसे शब्द होते हैं,
वे हट जाते हैं और दोनों शब्द एक साथ जुड़ जाते हैं।
उदाहरण:
-
जल का पान → जलपान
-
माता से वियोग → मातृवियोग
-
देव को पूजन → देवपूजन
नियम 9: तत्पुरुष समास के अंत में क्रिया या संज्ञा हो सकती है
तत्पुरुष समास के संयुक्त शब्द का दूसरा पद संज्ञा, विशेषण या क्रियात्मक हो सकता है।
उदाहरण:
-
हस्तलेख (क्रियात्मक – लिखा हुआ)
-
नीलकमल (विशेषण + संज्ञा)
-
राजमार्ग (संज्ञा + संज्ञा)
नियम 10: पहचान ट्रिक (Shortcut Trick)
याद रखिए —
“का, के, की, को, से, में, के लिए” का अर्थ जहाँ छिपा हो,
वहाँ तत्पुरुष समास होता है।
तत्पुरुष समास और अन्य समासों में अंतर
| बिंदु | Tatpurush Samas | द्वंद्व समास | कर्मधारय समास |
|---|---|---|---|
| प्रधान पद | दूसरा पद | दोनों पद समान | दूसरा पद |
| संबंध | “का, की, से, में” छिपा होता है | योगात्मक | विशेषणात्मक |
| उदाहरण | राजकुमार | माता-पिता | नीलकमल |
👩🏫 विशेषज्ञ राय
तत्पुरुष समास छात्रों के लिए सबसे रोचक विषयों में से एक है क्योंकि यह भाषा को सुंदर और व्यावहारिक दोनों बनाता है।
अगर आप हिंदी भाषा में निपुण होना चाहते हैं, तो समासों की समझ बेहद ज़रूरी है।
तत्पुरुष समास आपको शब्दों की गहराई और उनके संबंध को महसूस करना सिखाता है।
इसलिए इसे केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि भाषा की आत्मा समझने के लिए पढ़ें।”
🏁 निष्कर्ष
Tatpurush Samas (तत्पुरुष समास) न केवल व्याकरण का एक भाग है, बल्कि हिंदी भाषा की आत्मा है।
यह भाषा को छोटा, सुंदर और अर्थपूर्ण बनाता है।
2025 के बदलते शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में, छात्रों के लिए समासों की जानकारी सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि भाषाई अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है।
याद रखें — तत्पुरुष समास भाषा की सादगी में छिपी हुई गहराई का नाम है।
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Avyayibhav Samas ki Paribhasha: प्रकार, उदाहरण और नियम (2025)
FAQs: तत्पुरुष समास से जुड़े प्रश्न
1. तत्पुरुष समास क्या होता है?
→ Tatpurush Samas वह समास है जिसमें दूसरे शब्द का संबंध पहले शब्द से “का, की, से, में, द्वारा” जैसे शब्दों से होता है।
2. तत्पुरुष समास के कितने प्रकार हैं?
→ कुल सात प्रकार के Tatpurush Samas होते हैं — द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी और कर्मधारय तत्पुरुष।
3. तत्पुरुष समास का एक आसान उदाहरण बताओ।
→ “राजकुमार” (राजा का पुत्र) सबसे सरल और प्रसिद्ध उदाहरण है।
4. तत्पुरुष समास और द्वंद्व समास में क्या अंतर है?
→ Tatpurush Samas में दूसरा पद प्रधान होता है, जबकि द्वंद्व समास में दोनों पद समान होते हैं।
5. Tatpurush Samas की पहचान कैसे करें?
→ यदि किसी संयुक्त शब्द में “का, की, से, में” जैसे संबंध छिपे हों, तो वह Tatpurush Samas होता है।
⚠️ डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शिक्षण और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है।
सभी उदाहरण और विवरण 2025 के नवीन हिंदी व्याकरण पाठ्यक्रम के अनुसार प्रस्तुत किए गए हैं।
