🌼 परिचय
कल्पना कीजिए — आप अपने दोस्त से कहते हैं, “वह मेरा सबसे अच्छा मित्र है।”
यहाँ “वह” शब्द आपके दोस्त का नाम नहीं बताता, लेकिन यह स्पष्ट कर देता है कि आप किस व्यक्ति की बात कर रहे हैं।
ऐसे ही शब्द जो किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, उन्हें हिंदी व्याकरण में पुरुषवाचक सर्वनाम (Purushvachak Sarvanam) कहा जाता है।
Purushvachak Sarvanam ki Paribhasha समझने से हम जान पाते हैं कि “मैं”, “तुम”, “वह” जैसे शब्द केवल शब्द नहीं, बल्कि भाषा में व्यक्ति की पहचान हैं।
📘 Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha
| क्रमांक | परिभाषा |
|---|---|
| 1 | वे सर्वनाम शब्द जो किसी पुरुष (व्यक्ति) का बोध कराते हैं, पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। |
| 2 | ये सर्वनाम बताते हैं कि वाक्य में कौन व्यक्ति बोल रहा है, सुन रहा है या जिसके बारे में कहा जा रहा है। |
| 3 | Purushvachak Sarvanam ki paribhasha के अनुसार — यह व्यक्ति का स्थान लेने वाले सर्वनाम होते हैं। |
सरल शब्दों में:
जब सर्वनाम किसी व्यक्ति (जैसे मैं, तुम, वह) को दर्शाता है, तो वह पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है।

🧭 पुरुषवाचक सर्वनाम के प्रकार(Purushvachak Sarvanam ke prakar )
Purushvachak Sarvanam ki Paribhasha को समझने के बाद अब जानें इसके तीन मुख्य प्रकार —
| प्रकार | व्यक्ति | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1️⃣ | प्रथम पुरुष (First Person) | मैं, हम |
| 2️⃣ | द्वितीय पुरुष (Second Person) | तू, तुम, आप |
| 3️⃣ | तृतीय पुरुष (Third Person) | यह, वह, ये, वे |
🔹 व्याख्या:
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प्रथम पुरुष: बोलने वाला व्यक्ति — मैं स्कूल जाता हूँ।
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द्वितीय पुरुष: जिससे बात की जा रही है — तुम कहाँ जा रहे हो?
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तृतीय पुरुष: जिसके बारे में कहा जा रहा है — वह मेरा दोस्त है।
Purushvachak Sarvanam ke prakar भाषा में व्यक्ति की स्थिति के अनुसार बदलते हैं और वाक्य की रचना में सहायता करते हैं।
💡पहचानने के नियम (Purushvachak Sarvanam Pehchanne Ke Niyam)
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अगर कोई शब्द व्यक्ति का बोध कराता है (बोलने वाला, सुनने वाला या जिसके बारे में कहा गया हो) — वह पुरुषवाचक सर्वनाम है।
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ये शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होते हैं — राधा आई → वह आई।
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इनसे जुड़ी क्रिया व्यक्ति के अनुसार बदलती है —
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मैं जाता हूँ।
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तुम जाते हो।
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वह जाता है।
-
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ऐसे शब्दों में सामान्यतः प्रत्यय नहीं लगते, लेकिन इनका प्रयोग व्यक्ति और वचन के अनुसार बदलता है।
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Purushvachak Sarvanam ki Pehchan का आसान तरीका है — यदि वाक्य में “कौन?” या “किसने?” पूछने पर व्यक्ति सूचित हो जाए, तो वह पुरुषवाचक सर्वनाम होगा।
📚पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण (Purushvachak Sarvanam ke udaharan)
नीचे दिए गए वाक्यों में फोकस कीवर्ड से संबंधित सर्वनामों को underline किया गया है 👇
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मैं रोज़ सुबह दौड़ता हूँ।
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हम सब मिलकर पढ़ते हैं।
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तू मेरा सच्चा दोस्त है।
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तुम कहाँ जा रहे हो?
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आप हमारे आदर्श शिक्षक हैं।
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वह स्कूल में प्रथम आया।
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वे बाज़ार गए हैं।
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यह मेरा घर है।
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ये बच्चे खेल रहे हैं।
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वह व्यक्ति बहुत दयालु है।
👉 इन वाक्यों में सभी पुरुषवाचक सर्वनाम हैं — जो व्यक्ति को सूचित करते हैं।
इससे purushvachak sarvanam ki paribhasha को व्यवहारिक रूप से समझा जा सकता है।
🏗️ रूप निर्माण:
Purushvachak Sarvanam व्यक्ति (पुरुष) और वचन के अनुसार रूप बदलते हैं।
| पुरुष | एकवचन | बहुवचन |
|---|---|---|
| प्रथम पुरुष | मैं | हम |
| द्वितीय पुरुष | तू / तुम / आप | तुम / आप |
| तृतीय पुरुष | यह / वह | ये / वे |
💬 उदाहरण:
-
मैं खेलता हूँ → हम खेलते हैं।
-
तू पढ़ता है → तुम पढ़ते हो।
-
वह जाता है → वे जाते हैं।
यह तालिका Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha को समझने में मदद करती है, क्योंकि इससे व्यक्ति और वचन दोनों स्पष्ट होते हैं।
🧠पुरुषवाचक सर्वनाम व क्रिया में समानता (Purushvachak Sarvanam aur Kriya Ka Samanta)
हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण नियम है कि सर्वनाम और क्रिया में समानता होनी चाहिए।
उदाहरण के लिए 👇
| सर्वनाम | क्रिया | वाक्य |
|---|---|---|
| मैं | जाता हूँ | मैं बाज़ार जाता हूँ। |
| तुम | जाते हो | तुम खेलते हो। |
| वह | जाता है | वह पढ़ता है। |
| हम | जाते हैं | हम मेहनत करते हैं। |
| वे | जाते हैं | वे खेत जा रहे हैं। |
यह तालिका दिखाती है कि purushvachak sarvanam ki paribhasha न केवल व्यक्ति दर्शाती है, बल्कि क्रिया के रूप को भी प्रभावित करती है।
💬 विशेषज्ञ राय:
Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha हिंदी भाषा की नींव है।
यदि छात्र इसे सही ढंग से समझ लें, तो वे वाक्य रचना, क्रिया रूप और संवाद की शैली में निपुण बन सकते हैं।जहाँ मशीनें भी भाषा सीख रही हैं, वहाँ “मैं”, “तुम”, “वह” जैसे सर्वनाम भाषा को मानवता का रूप देते हैं।
🌺पुरुषवाचक सर्वनाम के महत्व (Purushvachak Sarvanam ka Mahatva)
-
यह व्यक्ति के आधार पर वाक्य को स्पष्ट करता है।
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भाषा को संक्षिप्त और प्रभावी बनाता है।
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क्रिया और वचन के मेल में सहायक होता है।
-
संवाद में स्वाभाविकता लाता है।
-
Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha समझने से विद्यार्थियों को लेखन और बोलने में सहजता मिलती है।
🏁 निष्कर्ष
संक्षेप में —
“मैं, तुम, वह — यही हैं संवाद की आत्मा!”
Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha हमें सिखाती है कि व्यक्ति का बोध बिना नाम लिए कैसे कराया जाता है।
यह हिंदी भाषा को जीवंत बनाती है और व्याकरण को सरल बनाती है।
हर विद्यार्थी को इसे गहराई से सीखना चाहिए, क्योंकि यह भाषा के हर वाक्य की आत्मा है।
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❓ FAQs – Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha से जुड़े प्रश्न
Q1. Purushvachak Sarvanam Ki Paribhasha क्या है?
👉 जो सर्वनाम किसी व्यक्ति का बोध कराते हैं, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
Q2. पुरुषवाचक सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं?
👉 तीन — प्रथम पुरुष, द्वितीय पुरुष, और तृतीय पुरुष।
Q3. ‘आप’ कौन-सा पुरुषवाचक सर्वनाम है?
👉 ‘आप’ द्वितीय पुरुषवाचक सर्वनाम है, जो सम्मानजनक रूप में प्रयुक्त होता है।
Q4. क्या ‘वह’ और ‘वे’ दोनों पुरुषवाचक सर्वनाम हैं?
👉 हाँ, दोनों तृतीय पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।
Q5. छात्रों को Purushvachak Sarvanam याद करने की ट्रिक क्या है?
👉 बस याद रखिए — “मैं (पहला), तुम (दूसरा), वह (तीसरा)” — यही तीन पुरुष हैं।
⚖️डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्य से तैयार किया गया है।
जानकारी 2025 तक के नवीनतम व्याकरणिक स्रोतों (जैसे NCERT और हिंदी व्याकरण ग्रंथ) पर आधारित है।
लेख का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और पाठकों को शिक्षित करना है।
