🌼परिचय
क्या आपने कभी सोचा है — जब हम कहते हैं, “राम ने फल खाया”, तो “खाया” किस पर असर डाल रहा है? जी हाँ, उस “फल” पर!
यही असर या कर्म पर कार्य का पड़ना ही हमें सकर्मक क्रिया (sakarmak kriya) की दुनिया में ले जाता है।
हिंदी व्याकरण में क्रियाओं का यह प्रकार न केवल अर्थ स्पष्ट करता है बल्कि वाक्य की क्रियात्मकता (action) को भी दर्शाता है।
आइए, इसे गहराई से लेकिन मज़ेदार अंदाज़ में समझते हैं।
🧩 Sakarmak Kriya Ki Paribhasha:
| विषय | विवरण |
|---|---|
| शब्द | सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) |
| अर्थ | वह क्रिया जिसके करने पर कर्म (Object) की आवश्यकता होती है। |
| सरल शब्दों में | जब किसी वाक्य की क्रिया का असर किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु या चीज़ पर पड़े, तो वह सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) कहलाती है। |
| मुख्य संकेत | वाक्य में “क्या”, “किसे”, “किसको” जैसे प्रश्न पूछने पर उत्तर मिले तो क्रिया सकर्मक होती है। |
📘 उदाहरण:
राम ने फल खाया।
(यहाँ “खाया” क्रिया है, और “फल” कर्म है। इसलिए यह सकर्मक क्रिया है।)
🧠 सकर्मक क्रिया के प्रकार(Sakarmak Kriya ke prakar)
हिंदी में सकर्मक क्रियाएँ अपने प्रयोग और अर्थ के आधार पर दो मुख्य प्रकार की मानी जाती हैं:
| प्रकार | विवरण | उदाहरण |
|---|---|---|
| 1. सामान्य सकर्मक क्रिया | जहाँ क्रिया सीधा कर्म लेती है | सीता ने पानी पिया। |
| 2. द्विकर्मक क्रिया | जहाँ एक साथ दो कर्म आते हैं | गुरु ने शिष्य को ज्ञान दिया। |
🔸 ध्यान दें:
सभी क्रियाएँ जो किसी वस्तु या व्यक्ति पर कार्य का प्रभाव डालती हैं, वे किसी न किसी रूप में सकर्मक क्रिया होती हैं।
🪄 सकर्मक क्रिया पहचानने के नियम(Sakarmak Kriya Pehchanne Ke Niyam)
सकर्मक क्रिया पहचानना बेहद आसान है अगर आप नीचे दिए गए ट्रिक्स याद रख लें👇
🔹 आसान नियम:
-
यदि क्रिया के बाद कर्म (object) आता है, तो वह सकर्मक क्रिया है।
👉 राधा ने किताब पढ़ी। -
यदि वाक्य में “क्या” या “किसे” पूछने पर जवाब मिले, तो क्रिया सकर्मक है।
👉 मोहन ने क्या खरीदा? → फल। -
ऐसी क्रियाओं से वाक्य अपूर्ण नहीं होता, क्योंकि उनका अर्थ कर्म से जुड़ता है।
-
अक्सर ने, को, पर, से जैसे शब्द सकर्मक वाक्यों में मिलते हैं।
🧾 सकर्मक क्रिया के उदाहरण (Sakarmak Kriya ke udaharan)
नीचे 10+ उदाहरण दिए गए हैं जिनमें सकर्मक क्रिया (underline) की गई है 👇
| क्रम | वाक्य | व्याख्या |
|---|---|---|
| 1 | राम ने आम खाया। | “खाया” क्रिया “आम” पर कार्य कर रही है। |
| 2 | सीता ने पत्र लिखा। | “लिखा” का असर “पत्र” पर पड़ रहा है। |
| 3 | बच्चे ने गेंद फेंकी। | “फेंकी” क्रिया गेंद पर असर डालती है। |
| 4 | शिक्षक ने पाठ पढ़ाया। | “पढ़ाया” किसी को ज्ञान देने का कार्य है। |
| 5 | रीना ने दरवाज़ा खोला। | दरवाज़े पर क्रिया का असर पड़ा। |
| 6 | मोहन ने साइकिल चलाई। | साइकिल कर्म है। |
| 7 | माँ ने चाय बनाई। | “बनाई” चाय पर कार्य दर्शाती है। |
| 8 | किसान ने खेत जोता। | “जोता” क्रिया खेत पर लागू होती है। |
| 9 | पुलिस ने चोर को पकड़ा। | चोर कर्म है। |
| 10 | मीना ने कपड़े धोए। | “धोए” कर्म “कपड़े” से जुड़ा है। |
| 11 | भाई ने बहन को तोहफ़ा दिया। | दो कर्म – “बहन” और “तोहफ़ा” हैं (द्विकर्मक)। |
🔤 सकर्मक क्रिया रूप निर्माण(Sakarmak KriyaKe Roop Nirman)
सकर्मक क्रियाएँ अक्सर अकर्मक क्रियाओं से बनती हैं, जब उनके साथ कर्म जोड़ दिया जाए।
| मूल क्रिया (अकर्मक) | सकर्मक रूप | उदाहरण |
|---|---|---|
| हँसना | हँसाना | उसने बच्चों को हँसाया। |
| रोना | रुलाना | उसने मुझे रुलाया। |
| बैठना | बिठाना | माँ ने बच्चे को बिठाया। |
| उठना | उठाना | उसने किताब उठाई। |
| चलना | चलाना | उसने गाड़ी चलायी। |
🔸 यहाँ आप देख सकते हैं कि “ना” की जगह “आना/ाना” जोड़ने से नई सकर्मक क्रिया बन जाती है।

💡 सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर(Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya Me Antar)
| बिंदु | सकर्मक क्रिया | अकर्मक क्रिया |
|---|---|---|
| अर्थ | जिसका प्रभाव कर्म पर पड़े | जिसका प्रभाव किसी पर न पड़े |
| कर्म की आवश्यकता | हाँ | नहीं |
| उदाहरण | सीता ने फूल तोड़ लिया। | बच्चा सो गया। |
| प्रश्न पूछकर पहचान | “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर मिलता है | उत्तर नहीं मिलता |
| क्रिया का प्रभाव | बाहरी वस्तु पर |
🏁 निष्कर्ष
संक्षेप में कहा जाए तो —
सकर्मक क्रिया (sakarmak kriya)वह क्रिया है जो अपने कार्य का असर किसी कर्म पर डालती है।
यह हिंदी भाषा की मुख्य व्याकरणिक श्रेणियों में से एक है और वाक्य निर्माण की आत्मा कही जा सकती है।
👉 जब आप अगली बार कोई वाक्य लिखें या बोलें, तो सोचिए — क्या इस क्रिया का असर किसी चीज़ पर पड़ रहा है?
अगर हाँ, तो समझिए — आपने पहचान ली सकर्मक क्रिया!
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❓ FAQs — सकर्मक क्रिया से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. सकर्मक क्रिया (sakarmak kriya) क्या होती है?
वह क्रिया जो अपने कार्य का प्रभाव किसी कर्म (object) पर डालती है, सकर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे — “राम ने आम खाया।”
2. सकर्मक क्रिया की पहचान कैसे करें?
यदि वाक्य में “क्या?” या “किसे?” पूछने पर उत्तर मिलता है, तो वह क्रिया सकर्मक है।
3. सकर्मक क्रिया के कितने प्रकार होते हैं?
मुख्य रूप से दो — (1) सरल सकर्मक क्रिया, (2) द्विकर्मक क्रिया।
4. सकर्मक और अकर्मक क्रिया में क्या अंतर है?
सकर्मक क्रिया कर्म पर कार्य करती है, जबकि अकर्मक क्रिया नहीं करती।
उदा. “रीना सोई।” (अकर्मक) vs “रीना ने खाना खाया।” (सकर्मक)
5. क्या हर क्रिया सकर्मक होती है?
नहीं, कुछ क्रियाएँ अकर्मक होती हैं — जैसे “हँसना”, “सोना”, “चलना” आदि।
परंतु कई क्रियाएँ संदर्भ के अनुसार दोनों रूप में आ सकती हैं।
⚠️ डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए लिखा गया है।
सभी उदाहरण और व्याख्याएँ हिंदी व्याकरण के सामान्य मानकों पर आधारित हैं।
